रविवार, 23 जनवरी 2022

कितना दिल-सोज़ वो मंज़र वो नज़ारा होगा.../ सूफी क़व्वाली / क़व्वाल : मुक़र्रम अली वारसी

 https://youtu.be/CkiFCZvsc5E 

Haji Mukarram Ali WarsiSufi qawwal from Bhopal, is 
disciple of the renowned sufi qawwali singer Maqbool Ahmed Sabri. 
Besides India, Warsi has performed a number of times in Pakistan 
with maestros like Ustad Haji Ghulam Farid Maqbool Ahmed Sabri.

कितना दिल-सोज़ वो मंज़र वो नज़ारा होगा
जब मसीहा ने मरीज़ों को पुकारा होगा

तुमने जब ज़ुल्फ़-ए-परेशाँ को सँवारा होगा
सदक़ा-ए-हुस्न घटाओं ने उतारा होगा

संग-दिल तेरे भी आँसू निकल आए होंगे
डूबने वाले ने जब तुझको पुकारा होगा

हाथ फैलाऊँ जो मैं ग़ैर की चौखट पे कभी
मेरे सरकार को ये कैसे गवारा होगा

बस अली फ़ातिमा हसनैन-ओ-मुहम्मद के सिवा
ख़ुल्द में और भला किस का इजारा होगा

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