https://youtu.be/9RlEHCchJJM
Madhuparna Vaidya
A singer composer who has the talent to create lasting melodies which can cut across different musical genre while combining her classical musical experience with new age and contemporary sounds. Madhuparna has honed her musical skills with many years of dedicated training and live performances in India and abroad. A Hindustani Classical trained performer who excels in Semi Classical and Ghazal genre, Madhuparna has been performing from the age of 6 yrs. She has been trained in Ghazal by Ustad Mohan Khan who is a disciple of Ghazal Maestro Ustad Mehendi Hassan Khan. She has done several semi classical and ghazal shows in India and the UK including some on TV. Belonging to the Kirana Gharana, Madhuparna was featured by Pancham Nishad as a rising star of Hindustani Classical Music through ‘Aarohi 2009’ on 1st May 2009, at Y.B. Chavan Auditorium, Mumbai. Her performance here was highly appreciated by the organisers and the audience alike.
फिल्म : अर्थ (1983)
गीत : कैफ़ी आज़मी
संगीत : जगजीत सिंह
फिल्म में गायन : जगजीत सिंह
कवर : मधुपर्णा एस वैद्य
गीत : कैफ़ी आज़मी
संगीत : जगजीत सिंह
फिल्म में गायन : जगजीत सिंह
कवर : मधुपर्णा एस वैद्य
कोई ये कैसे बताये के वो तन्हाँ क्यों है
वो जो अपना था, वही और किसी का क्यों है
यही दुनिया है तो फिर, ऐसी ये दुनिया क्यों है
यही होता है तो, आख़िर यही होता क्यों है
इक ज़रा हाथ बढ़ा दे तो, पकड़ लें दामन
उसके सीने में समा जाए, हमारी धड़कन
इतनी क़ुर्बत है तो फिर, फासला इतना क्यों है
दिल-ए-बरबाद से निकला नहीं अब तक कोई
इक लुटे घर पे दिया करता है दस्तक कोई
आस जो टूट गयी, फिर से बंधाता क्यों है
तुम मसर्रत का कहो या इसे ग़म का रिश्ता
कहते हैं प्यार का रिश्ता है जनम का रिश्ता
है जनम का जो ये रिश्ता तो बदलता क्यों है
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