गुरुवार, 9 मार्च 2023

चिरजीयो, होरी के रसिया.../ सूरदास / गायन : निकुंज कामरा

 https://youtu.be/1pQvWI593u4 


चिरजीयो होरी को रसिया,
चिरजीयो। जब लो सूरज चन्द्र उगे है,
तो लों ब्रज में तुम बसिया,
चिरजीयो ॥१॥ नित नित आओ होरी खेलन को,
नित नित गारी नित हँसिया,
चिरजीयो॥२॥ सूरदास प्रभु तुम्हरे मिलन को,
पीत पिछोरी कटि कसिया,
चिरजीयो ॥३॥

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