महालक्ष्मी अष्टकम् (क्रमशः ६)
महालक्ष्मी अष्टकम्
का काव्य-भावानुवाद (क्रमशः ६ )
-अरुण मिश्र.
स्थूल, सूक्ष्म हो, महारौद्र हो, महाशक्ति हो, महोदरा हो।
महापापहारिणि हे देवी ! महालक्ष्मी तुम्हें नमन है।।६।।
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मूल संस्कृत :
इन्द्र उवाच
स्थूलसूक्ष्ममहारौद्रे महाशक्तिमहोदरे।
महापापहरे देवि महालक्ष्मि नमोस्तु ते॥६॥
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