https://youtu.be/c_o_m-obQ7k
ये जफ़ा-ए-ग़म का चारा, वो नजाते-दिल का आलम
तेरा हुस्न दस्त-ए-ईसा, तेरी याद रू-ए-मरियम
दिल-ओ-जां फ़िदा-ए-राहे, कभी आ के देख हमदम
सरे-कू-ए-दिलफ़िगारां, शबे आरज़ू का आलम
तेरी दीद के सिवा है, तेरे शौक में बहारां
वो ज़मीं जहां गिरी है, तेरी गेसूओं की शबनम
ये अजब क़यामतें हैं, तेरी रहगुज़र से गुज़रा
न हुआ कि मर मिटे हम, न हुआ कि जी उठे हम
लो सुनी गयी हमारी, यूँ फिरे हैं दिन कि फिर से
वही गोशा-ए-क़फ़स है, वही फ़स्ले-गुल का आलम
तेरा हुस्न दस्त-ए-ईसा, तेरी याद रू-ए-मरियम
दिल-ओ-जां फ़िदा-ए-राहे, कभी आ के देख हमदम
सरे-कू-ए-दिलफ़िगारां, शबे आरज़ू का आलम
तेरी दीद के सिवा है, तेरे शौक में बहारां
वो ज़मीं जहां गिरी है, तेरी गेसूओं की शबनम
ये अजब क़यामतें हैं, तेरी रहगुज़र से गुज़रा
न हुआ कि मर मिटे हम, न हुआ कि जी उठे हम
लो सुनी गयी हमारी, यूँ फिरे हैं दिन कि फिर से
वही गोशा-ए-क़फ़स है, वही फ़स्ले-गुल का आलम
(दस्त-ए-ईसा - ईसा मसीह का हाथ
रू-ए-मरीयम -मरियम का चेहरा
फ़िदा - कुर्बान
दिलफ़िगारां - टूटे दिल वाले
गोशा-ए-क़फ़स - पिंजरे का कोना)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें