अवधी भाषा दिवस प्रत्येक वर्ष को रामचरितमानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास
जयंती पर मनाई जाती है। अवध की संस्कृति, भाषा, साहित्य, लोककला, नृत्य-संगीत
व परम्पराओं को फिर से प्रतिष्ठा दिलाने के उद्देश्य से श्रीरामचरित मानस के रचयिता
महाकवि तुलसीदास की जयंती को हर वर्ष ‘अवधी दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
हमरे पुरखन कै भाषा अवधी...
(फेस बुक से साभार)
(फेस बुक से साभार)
हमरे पुरखन कै भाषा अवधी
दुख-सुख कै परिभाषा अवधी
देस अवध कै माटी चन्नन
गट्टा खील बताशा अवधी !
दुख-सुख कै परिभाषा अवधी
देस अवध कै माटी चन्नन
गट्टा खील बताशा अवधी !
मंद मंद पुरवाई अवधी
पुरइन अस हलराई अवधी
चिरइन कै कचपच कचपच सुर
भोरे कै अउँहाई अवधी!
पुरइन अस हलराई अवधी
चिरइन कै कचपच कचपच सुर
भोरे कै अउँहाई अवधी!
पुरबी सूक तरइया अवधी
पाछे पियर जोन्हइया अवधी
अम्मा के चूल्हा चौका मा
सोंधी गील कनइया अवधी !
पाछे पियर जोन्हइया अवधी
अम्मा के चूल्हा चौका मा
सोंधी गील कनइया अवधी !
दतुइन दूध कलेवा अवधी
तपता घामै सेवा अवधी
चना चबैना खरमिटाव का
घुघुरी सिखरन मेवा अवधी !
तपता घामै सेवा अवधी
चना चबैना खरमिटाव का
घुघुरी सिखरन मेवा अवधी !
गरमा गरम रजाई अवधी
सगरौ देह ओढ़ाई अवधी
आजी कै कथरी जस गुलगुल
ओढ़ी अउर बिछाई अवधी !
सगरौ देह ओढ़ाई अवधी
आजी कै कथरी जस गुलगुल
ओढ़ी अउर बिछाई अवधी !
अमरख लाग रोवायी अवधी
पीरा कै गहराई अवधी
आकुल मन चिग्घार परै जब
'हे माई !' गोहराई अवधी
पीरा कै गहराई अवधी
आकुल मन चिग्घार परै जब
'हे माई !' गोहराई अवधी
अँगना चलै बकइयाँ अवधी
दउरै पइयाँ पइयाँ अवधी
गवना के धूरी माटी मा
मइया लेय बलइया अवधी !
दउरै पइयाँ पइयाँ अवधी
गवना के धूरी माटी मा
मइया लेय बलइया अवधी !
ढुकवल, सुर्र, कबड्डी अवधी
गुल्ली-डंडा, लँगड़ी अवधी
झाबर, गुट्टी एकड़ा दुकड़ा
बाग सियारे क डंडी अवधी !
गुल्ली-डंडा, लँगड़ी अवधी
झाबर, गुट्टी एकड़ा दुकड़ा
बाग सियारे क डंडी अवधी !
फरा, गुलगुला, लपसी अवधी
तलखा, अमचुर, अरसी अवधी
गुड़धनिया, गोझिया औ मुचुकी
रिकवछ, सहिना तरसी अवधी
तलखा, अमचुर, अरसी अवधी
गुड़धनिया, गोझिया औ मुचुकी
रिकवछ, सहिना तरसी अवधी
हर मन कै अभिलाषा अवधी।
फगुआ बारहमासा अवधी।
नहछू, सोहर, गावैं नित नित
अमर होय ई भाषा अवधी।।
फगुआ बारहमासा अवधी।
नहछू, सोहर, गावैं नित नित
अमर होय ई भाषा अवधी।।
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