सोमवार, 13 जुलाई 2020

बरसन लागी बदरिया रूम झूम के.../ बन्दिश : बड़े रामदास जी / स्वर : नीलांजना डे

https://youtu.be/i-RD2zbRGPc
पिछली कुछ शताब्दी से काशी अथवा वाराणसी प्रमुख संगीतज्ञों का गढ़ रहा है। 
इन्हीं में से एक महान संगीतज्ञ थे, पण्डित बड़े रामदास जी। काशी के सुविख्यात 
विद्वान इन्हीं बड़े रामदास जी की एक कजरी रचना  है, 
‘बरसन लागी बदरिया रूम झूम के...’ 

Pandit Bade Ramdas Ji Mishra (born 1875) was known as 
'Gayanacharya of Banaras'. He was one of the mentors of 
Banaras Gharana in vocal music. 

His nephews and disciples, Hanuman Prasad Mishra, 
Gopal Mishra and grandsons Rajan and Sajan Mishra 
are famous musicians. 

Bade Ramdas Ji also trained many musicians such as 
Siddheshwari Devi, Mahadeo Prasad Mishra, 
Uma Datt Sharma (father of Shiv Kumar Sharma) 
and many more. 

He was an excellent composer and created many Bandishes 
with beautiful lyrics and rich Raga-Tala content. Many of his 
Bandishes are in regular rendition of many musicians.

बरसन लागी बदरिया, 
रूम-झूम के 

लागी बदरिया, लागी बदरिया,
लागी बदरिया, लागी बदरिया, 
लागी बदरिया रे रूम-झूम के 

बरसन लागी बदरिया, रूम-झूम के

बादर गरजे, बिजुरी  चमके 
बादर गरजे, बिजुरी  चमके 
बोलन लागी कोइलिया घूम-घूम के 

बरसन लागी बदरिया रूम-झूम के 

राम दास के गोविन्द स्वामी 
राम दास के गोविन्द स्वामी 
राम दास के गोविन्द स्वामी
चरण कमल नित चूम-चूम के 

बरसन लागी बदरिया रूम-झूम के 

रूम-झूम, रूम-झूम, रूम-झूम के 
बरसन लागी बदरिया रूम-झूम के 

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