https://youtu.be/5pY0kvFutgc
मैं ने शायद तुम्हें पहले भी कहीं देखा है
अजनबी सी हो मगर गैर नहीं लगती हो
वहम से भी जो हो नाज़ुक वो यकीं लगती हो
हाय ये फूल सा चेहरा ये घनेरी ज़ुल्फ़ें
मेरे शेरों से भी तुम मुझको हंसीं लगती हो
देखकर तुमको किसी रात की याद आती है
एक ख़ामोश मुलाक़ात की याद आती है
जहाँ में हुस्न की ठंडक का असर जगता है
आंच देती हुई बरसात की याद आती है
जिसकी पलकें मेरी आँखों पे झुकी रहती हैं
तुम वही मेरे ख़यालों की परी हो कि नहीं
कहीं पहले की तरह फिर तो न खो जाओगी
जो हमेशा के लिये हो वो खुशी हो कि नहीं
मैं ने शायद तुम्हें पहले भी कहीं देखा है
गीत : मैं ने शायद तुम्हें, पहले भी कहीं देखा है
फिल्म : बरसात की रात (१९६०)
संगीतकार : रोशन
गीतकार : साहिर लुधियानवी
गायक : मोहम्मद रफ़ी
फिल्म : बरसात की रात (१९६०)
संगीतकार : रोशन
गीतकार : साहिर लुधियानवी
गायक : मोहम्मद रफ़ी
मैं ने शायद तुम्हें पहले भी कहीं देखा है
अजनबी सी हो मगर गैर नहीं लगती हो
वहम से भी जो हो नाज़ुक वो यकीं लगती हो
हाय ये फूल सा चेहरा ये घनेरी ज़ुल्फ़ें
मेरे शेरों से भी तुम मुझको हंसीं लगती हो
देखकर तुमको किसी रात की याद आती है
एक ख़ामोश मुलाक़ात की याद आती है
जहाँ में हुस्न की ठंडक का असर जगता है
आंच देती हुई बरसात की याद आती है
जिसकी पलकें मेरी आँखों पे झुकी रहती हैं
तुम वही मेरे ख़यालों की परी हो कि नहीं
कहीं पहले की तरह फिर तो न खो जाओगी
जो हमेशा के लिये हो वो खुशी हो कि नहीं
मैं ने शायद तुम्हें पहले भी कहीं देखा है
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