संगीत, धुन एवं स्वर : श्री केवल कुमार
मैं होली में आऊँगा...
-अरुण मिश्र
होली की मस्ती भरी वर्ष १९९४ में लिखी यह ग़ज़ल,
होली की मंगलकामनाओं के साथ प्रस्तुत है |
रंगों एवं मस्तियों का यह त्यौहार सभी को
बहुत-बहुत शुभ हो |
बहुत-बहुत शुभ हो |
- अरुण मिश्र.
(पूर्वप्रकाशित)
बहुत ही सुंदर
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