रविवार, 28 मार्च 2021

लाज न कर गोरी होरी में.../ रसिया पुष्टिमार्ग / पुरुषोत्तम दास / स्वर : श्री रसेश शाह

https://youtu.be/KWY8q-cxAh4 

होरी में लाज न कर गोरी होरी में।
हम ब्रज के रसिया तू गोरी, भली बनी है यह जोरी,
होरी में, हाँ हाँ होरी में, हम्बै होरी में,
होरी में ----

जो हमसो सूधे नहीं खेलो, तो फिर हम करि हैं बरजोरी,
होरी में, हाँ हाँ होरी में, 
लाज न कर गोरी होरी में
होरी में ----

सास ननद से दुबक दुबक के, हमसे खेल लै होरी गोरी,
होरी में, हाँ हाँ होरी में,
लाज न कर गोरी होरी में
होरी में ----

नारायन अब निकस द्वार से, छूटेगी नाँय बन के भोरी,
होरी में, हाँ हाँ होरी में, 
लाज न कर गोरी होरी में
होरी में ----

पुरुषोत्तम प्रभु की छवि निरखें, निरखें बरसाने की होरी।
होरी में, हाँ हाँ होरी में, 
लाज न कर गोरी होरी में

होरी में ----

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