रविवार, 28 मार्च 2021

चलो रे! खेलें फाग; होली है.../ अरुण मिश्र

चलो रे! खेलें फाग; होली है... 

-अरुण  मिश्र 

चलो रे! खेलें फाग; होली है।

          सगरो  ब्रज में,  धूम  मची है; 
          लोक-लाज, कछु नाय बची है;

इत राधा,सखियन संग निकसीं, 
उत, नंदलाल  की  टोली  है। 
चलो रे! खेलें फाग; होली है।।
  
         नव  वसंत   कै,  बाजै   नूपुर; 
         लहरै  सरजू, उमगै  अवधपुर;
  
चलीं सीय, सखियन संग उतहीं, 
जित, रघुवीर  की  टोली  है। 
चलो रे! खेलें फाग; होली है।।
  
      धूम मची, कैलास-सिखर पर, 
        नाचें  सिव-गनेस, डमरू-स्वर
  
सुनि गौरा, सखियन संग धाईं, 
बम-भोले की भागी, टोली है। 
चलो रे! खेलें फाग; होली है।। 
                                   *

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