(१८७६-१९३६), उर्दू भाषा के सूफी कवि थे, जिनका जन्म १८७६में, भारत के
उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में हुआ था। वे हज़रत वारिस अली शाह के शिष्य थे, इसलिए उन्हें वारसी की उपाधि मिली। उनकी मज़ार देवा शरीफ़, बाराबंकी, उत्तर प्रदेश में है।
फरीद अयाज़
उस्ताद गुलाम फ़रीदुद्दीन अयाज़ अल-हुसैनी कव्वाल, पाकिस्तानी कव्वाल हैं।
फरीद अयाज़ का जन्म 1952 में हैदराबाद, भारत में हुआ था। 1956 में उनका
परिवार पाकिस्तान के कराची शिफ्ट हो गया। उन्होंने अपने पिता उस्ताद
मुंशी रजीउद्दीन अहमद खान कव्वाल के साथ शास्त्रीय संगीत में प्रशिक्षण शुरू
किया। वह दिल्ली के कव्वाल बच्चन का घराना से संबंधित है। वह और उनके
रिश्तेदार उस स्कूल ऑफ म्यूज़िक (घराना) के ध्वजवाहक हैं, जिसे शहर के नाम
से दिल्ली घराना के नाम से भी जाना जाता है। वह हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की
विभिन्न विधाओं जैसे ध्रुपद, ख्याल, तराना, ठुमरी और दादरा का प्रदर्शन करते हैं।
अयाज़ अपने छोटे भाई, उस्ताद अबू मुहम्मद के साथ कव्वाल पार्टी का नेतृत्व करते
हैं। वे पाकिस्तान में और दक्षिण एशियाई उपमहाद्वीप में सबसे अधिक मांग वाले