शुक्रवार, 11 मार्च 2022

शब-ए-ग़म की दराज़ी ज़ुल्फ़-ए-जानां कौन देखेगा.../ क़व्वाली / शायर : जिगर मुरादाबादी / गायन : फैज़ अली फैज़ क़व्वाल

https://youtu.be/oW7C0GRb4oM  

Faiz Ali Faiz is a well-known Pakistani qawwali singer. 
Faiz was born into a family of seven generations of qawwals. 
He studied classical music with Ustad Ghulam Shabir Khan and 
Ustad Jafat Khan, and qawwali music with Muhammad Ali Faridi 
and Abdur Rahim Faridi Qawwal.

शब-ए-ग़म की दराज़ी ज़ुल्फ़-ए-जानां कौन देखेगा
लगा कर तुमसे दिल ख़्वाब-ए-परेशां कौन देखेगा

हमें भी जलवा गा ह्-ए-नाज़ तक ले के चलो मूसा
तुम्हें ग़श आ गया तो हुस्न-ए-जानां कौन देखेगा

मैं ख़ुद इक़रार कर लूँगा कि मैंने जान ख़ुद दी थी
सर-ए-मह्शर भुला तुझको परेशां कौन देखेगा

पड़े हैं तो पड़े रहने दो मेरे ख़ून के धब्बे
तुम्हें देखेंगे सब मह्शर में दामाँ कौन देखेगा

जिगर अब मय-कदे में आ गए हो तो मुनासिब है
अगर चुपके से पी लोगे मुसलमाँ कौन देखेगा

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