(16 November 1846 – 9 September 1921) was an Indian Urdu poet
in the genre of satire.
Akbar Allahabadi was born in the town of Bara, eleven miles
from Allahabad, to a family of Sayyids who originally came to
India from Persia as soldiers. His father, Moulvi Tafazzul
Hussain served as a naib tehsildar and his mother belonged
to a zamindar family of Jagdishpur village from the Gaya
district in Bihar.
Akbar received his early education from his father at home.
In 1855, his mother moved to Allahabad and settled in Mohalla
Chowk. Akbar was admitted to the Jamuna Mission School for
an English education in 1856, but he abandoned his school
education in 1859. However, he continued to study English
and read widely.
On leaving school, Akbar joined the Railway Engineering
Department as a clerk. While in service, he passed the
exam qualifying him as a wakeel (barrister) and subsequently
worked as a tehsildar and a munsif, and ultimately, as a sessions
court judge. To commemorate his work in judicial services,
he was bestowed with the title, Khan Bahadur.
Akbar retired in 1903 and lived on in Allahabad. He died of a
fever on September 9, 1921 and was buried in Himmatganj
district of Allahabad.
में बल्कि समूचे दक्षिण एशिया में लोकप्रिय गायिका के रूप में की जाती है। नय्यरा
गायकी के क्षेत्र में मूल रूप से सन् 1971 से लेकर 2012 तक सक्रिय रहीं।
'नय्यरा' का जन्म 1950 में गुवाहाटी, असम में हुआ था। उनके पिता एक व्यवसायी
थे और अपने व्यवसाय के सिलसिले में वो अपने परिवार के साथ अमृतसर से आकर
असम में बस गए थे। "नय्यरा" के पिता ऑल इंडिया मुस्लिम लीग के सक्रिय सदस्य थे।
उन्होंने 1947 के भारत-पाकिस्तान बंटवारे से पहले पाकिस्तान के कायदे आज़म
मुहम्मद अली जिन्ना के असम दौरों के दौरान मेजबानी की थी। भारत-पाकिस्तान
बंटवारे के बाद 1957 में नय्यरा अपने भाई-बहनों और मां के साथ भारत से विस्थापित
होकर पाकिस्तान के लाहौर में जाकर बस गईं। हालांकि उनके पिता अपने व्यवसाय और
चल-अचल संपत्ति को संभालने के लिए 1993 तक भारत (असम) में रहे। बचपन में
नय्यरा भजन गायिका कानन देवी और ग़ज़ल गायिका बेगम अख़्तर से प्रभावित रहीं।
नय्यरा ने गायकी में अनुशासनबद्ध तरीके से कोई औपचारिक प्रशिक्षण नहीं प्राप्त
किया था। गायन के क्षेत्र में उनका आगमन महज इत्तेफाक़ था। सन् 1968 में लाहौर
के नेशनल कॉलेज ऑफ आर्ट्स में वार्षिकोत्सव के अवसर पर आयोजिक एक कार्यक्रम
में वहां के प्रोफेसर इसरार ने इन्हें गाते सुना और रेडियो पाकिस्तान के कार्यक्रमों के लिए
गाने का अनुरोध किया। इसके बाद से नय्यरा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और गायकी के
क्षेत्र में जल्द ही स्थापित हो गईं।
सन् 1971 में नय्यरा को पाकिस्तानी टेलिविजन पर पहली बार गाने का अवसर प्राप्त
हुआ। इसके बाद उन्होंने फिल्म 'घराना' (1973) और 'तानसेन' से पार्श्व गायन की
शुरुआत की। नय्यरा अपने एकल गायन में मंच पर ऊर्दू के शायर ग़ालिब और फ़ैज़
अहमद फ़ैज़ की लिखी ग़ज़लों को अपना स्वर दे चुकी हैं। लेकिन गायकी में उन्हें ज्यादा
प्रसिद्धि फ़ैज़ की ग़ज़लों से मिली। नय्यरा को उनके स्तरीय गायन के लिए पाकिस्तान में
राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन में तीन बार स्वर्ण पदक प्राप्त हो चुका है। इसके साथ ही उन्हें
फिल्म घराना (1973) के लिए पाकिस्तान के निगार पुरस्कार से भी सम्मानित किया
चुका है।
कहूँ किससे क़िस्सा-ए-दर्द-ओ-ग़म, कोई हमनशीं है न यार है
जो अनीस है तेरी याद है जो शफ़ीक़ है दिलज़ार है
तू हज़ार करता लगावटें मैं कभी न आता फ़रेब में
मुझे पहले इसकी ख़बर न थी तेरा दो ही दिन का ये प्यार है
ये नवीद औरों को जा सुना हम असीर-ए-दाम हैं ऐ सबा
हमें क्या चमन है जो रंग पर हमें क्या जो फ़सल-ए-बहार है
मुझे रहम आता है देखकर तेरा हाल ‘अक़बर’-ए-नौहागर
तुझे वो भी चाहे ख़ुदा करे कि तु जिसका आशिक़-ए-ज़ार है
kahoon kis se qissa-e-dard-o-Gham koi ham-nasheen hai na yaar hai
jo anees hai terii yaad hai jo shafeeq hai dil-e-zaar hai
Qissa: Anecdote, Dispute, Event, Fable, Happening, Incident, Legend, Matter, Romance, Story, Tale, Quarrel
Nasheen: Sitting
Ham-Nasheen: Associate, Playmate
Anees: Companion, Friend, Familiar
Shafeeq: Affectionate, Kind, Kind Hearted, Lenient
Zaar: Desire, Feeble, Garden Lamentation, Weak, Weeping, Wish
Dil-e-Zaar: Afflicted Heart
too hazaar kartaa lagaavaten main kabhi na aataa fareb mein
mujhe pehle is ki khabar na thi teraa do hi din ka ye pyaar hai
Lagaavat: Affection, Love
Fareb: Cheating, Deception, Deceit, Fraud, Illusion, Trick
Khabar: Account, Awareness, Information, Knowledge, News, Notice, Report, Rumor, Watchfulness
ye naweed auron ko jaa sunaa ham aseer-e-daam haim ai sabaa
hamein kyaa chaman hai jo rang par, hamein kyaa jo fasl-e-bahaar hai
Naweed: Good news, glad tidings;—invitation (to kinsfolk and brethren) to a wedding
Auron: Others
Aseer: Captive, Prisoner
Daam: Bid, Latch, Loan, Net, Price, Snare, Trap, Value
Aseer-e-Daam: Imprisoned
Sabaa: Breeze, Gentle Cool Breeze, Wind
Chaman: Flower Garden, Flower Bed, A Blooming or Flourishing Place
Fasl: Season, Harvest, Yield
Fasl-e-Bahaar: Season of Spring
mujhe raham aataa hai dekh kar tera haal ‘Akbar’-e-nauhagar
tujhe vo bhi chaahe Khudaa kare, ke tu jis ka aashiq-e-zaar hai
Raham: Pity, Benevolence, Kindness
Akbar: A reference to the poet, Akbar Allahabadi
Nauhaa: Lamentation, Mourning
Nauhagar: Mourner, Laminator
Aashiq: Admirer, Amorous, Enamoured, Gallant, Lover, Suitor
Aashiq-e-Zaar: Afflicted lover
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