https://youtu.be/Cq_MLe8e_uI
बेज़ुबानी ज़ुबाँ न हो जाये राज़-ए-उल्फ़त अयाँ न हो जाये
इस क़दर प्यार से न देख मुझेफिर तमन्ना जवाँ न हो जाये
लुत्फ़ आने लगा जफ़ाओं मेंवो कहीं मेहरबाँ न हो जाये
ज़िक्र उनका ज़ुबान पर आयाये कहीं दास्ताँ न हो जाये
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें