बुधवार, 30 मार्च 2022

यूं ही कोई मिल गया था.../ गीतकार : कैफ़ी आज़मी/ गायिका : चाँदनी मिर्जा

 https://youtu.be/kYbsf-6l9iw  

गीत : चलते चलते, यूँही कोई मिल गया था...

फिल्म : पाक़ीज़ा  (१९७२)
संगीतकार : ग़ुलाम मोहम्मद 
गीतकार : कैफ़ी आज़मी
गायिका  : लता मंगेशकर (फिल्म में)
             चाँदनी मिर्ज़ा (इस वीडियो में)

Chandni Mirza on Twitter :
My self Chandni Mirza, I'm a professional singer.
My institute name is "Shree Ram Bhartiya Kala Kendra"
and "Prayag Sangeet Samiti".
My gurus are Charanjit Soni and Meera Chakrobarty M'ams.


चलते चलते, 
चलते चलते
यूँही कोई मिल गया था, 
यूँही कोई मिल गया था
सरे राह चलते चलते, 
सरे राह चलते चलते
वहीं थमके रह गई है, 
वहीं थमके रह गई है
मेरी रात ढलते ढलते, 
मेरी रात ढलते ढलते

जो कही गई है मुझसे, 
जो कही गई है मुझसे
वो ज़माना कह रहा है, 
वो ज़माना कह रहा है
के फ़साना,
के फ़साना बन गई है, 
के फ़साना बन गई है
मेरी बात टलते टलते, 
मेरी बात टलते टलते

यूँही कोई मिल गया था, 
यूँही कोई मिल गया था
सरे राह चलते चलते, 
सर-ए-राह चलते चलते ...

शब-ए-इंतज़ार आखिर, 
शब-ए-इंतज़ार आखिर
कभी होगी मुख़्तसर भी, 
कभी होगी मुख़्तसर भी
ये चिराग़,
ये चिराग़ बुझ रहे हैं, 
ये चिराग़ बुझ रहे हैं
मेरे साथ जलते जलते, 
मेरे साथ जलते जलते

ये चिराग़ बुझ रहे हैं, 
ये चिराग़ बुझ रहे हैं 
मेरे साथ जलते जलते, 
मेरे साथ जलते जलते
यूँही कोई मिल गया था, 
यूँही कोई मिल गया था
सर-ए-राह चलते चलते, 
सर-ए-राह चलते चलते ...

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