सोमवार, 14 मार्च 2022

बिल्वाष्टकम् .../ स्वर : रमेश भाई ओझा

 https://youtu.be/s9o8JD8PU6w 

।। बिल्वाष्टकम् ।।

त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रियायुधम् ।
त्रिजन्म पापसंहारं एकबिल्वं शिवार्पणम् ।।१।।

त्रिशाखै बिल्वपत्रश्र्च अच्छिद्रैः कोमलै: शुभै ।
शिवपूजां करिष्यामि एकबिल्वं शिवार्पणम् ।।२।।

अखण्डबिल्वपत्रेण पूजिते नन्दिकेश्वरे ।
शुद्ध्यन्ति सर्वपापेभ्यो एकबिल्वं शिवार्पणम् ।।३।।

शालिग्रामशिलामेकां विप्राणां जातु च अर्पयेत ।
सोमयज्ञ-महापुण्यं एकबिल्वं शिवार्पणम् ।।४।।

दन्तिकोटि सहस्त्राणि वाजपेयशतानि च ।
कोटिकन्या-महादानं एकबिल्वं शिवार्पणम् ।।५।।

लक्ष्म्याः स्तनत उत्पन्नं महादेवस्य च प्रियम् ।
बिल्वंवृक्षं प्रयच्छामि एकबिल्वं शिवार्पणम् ।।६।।

दर्शनं बिल्ववृक्षस्य स्पर्शनं पापनाशनम् ।
अघोरपापसंहारं एकबिल्वं शिवार्पणम् ।।७।।

काशीक्षेत्रनिवासं च कालभैरव दर्शनम् ।
प्रयागं माधवं दृष्ट्वा एकबिल्वं शिवार्पणम् ।।८।।

मूलतो ब्रह्मरूपाय मध्यतो विष्णुरूपिणे ।
अग्रत: शिवरूपाय एकबिल्वं शिवार्पणम् ।।९।।

बिल्वाष्टकमिदं पुण्यं य: पठेतच्छिवसनिद्धधौ ।
सर्वपाप विनिर्मुक्तः शिवलोकमवाप्नुयात्‌ ॥
।। इति श्री बिल्वाष्टकम् संपूर्णम् ।।

अर्थ 
तीन दलवाला ,सत्त्व,रज एवं तमःस्वरूप,सूर्य,चन्द्र तथा अग्नि-त्रिनेत्रस्वरूप 
और आयुधत्रय स्वरूप ,तथा तीनोजन्मो के पापो को नष्ट करने वाला बिल्वपत्र 
मै भगवान शिव के लिये समर्पित करता हूँ।।१।।

छिद्र रहित ,सुकोमल, तीन पत्ते वाले ,मंगल प्रदान करने वाले बिल्वपत्र से मैं 
भगवान शिव की पूजा करूंगा। यह बेलपत्र शिव को समर्पित करता हूं।

अखंड बिल्व पत्र से नंदीकेश्वर भगवान की पूजा करने पर मनुष्य सभी पापों से 
मुक्त होकर शुद्ध हो जाते हैं। मैं बिल्वपत्र शिव को समर्पित करता हूं।

मेरे द्वारा किया गया भगवान शिव को यह बिल्वपत्र का समर्पण ,कदाचित 
ब्राह्मणों को शालिग्राम की शिला के समान तथा सोम यज्ञ के अनुष्ठान के 
समान महान पुण्य शाली हो। अतः मैं बिल्वपत्र भगवान शिव को समर्पित 
करता हूं।

मेरे द्वारा किया गया भगवान शिव को यह बिल्वपत्र का समर्पण ,हजारों करोड़ 
गजदान, सैकड़ों वाजपेय यज्ञ के अनुष्ठान तथा करोड़ों कन्याओं के महादान के 
समान हो। अतः मैं बिल्वपत्र भगवान शिव को समर्पित करता हूं।

विष्णु -प्रिया भगवती लक्ष्मी के वक्षः स्थल से प्रादुर्भूत तथा महादेव जी के अत्यंत 
प्रिय बिल्व को मैं समर्पित करता हूं। यह बिल्वपत्र भगवान शिव को समर्पित है।

बिल्ववृक्ष का दर्शन और उसका स्पर्श समस्त पापों को नष्ट करने वाला तथा शिव 
अपराध का संहार करने वाला है। यह बिल्वपत्र भगवान शिव को समर्पित है।

बिल्व पत्र का मूल भाग ब्रह्म रूप, मध्य भाग विष्णु रूप एवं अग्रभाग शिव रूप है ,
ऐसा बिल्वपत्र भगवान शिव को समर्पित है।

जो भगवान शिव के समीप इस पुण्य प्रदान करने वाले बिलवाष्टक  का पाठ करता है 
वह समस्त पापों से मुक्त होकर अंत में शिवलोक को प्राप्त करता है।
 ।।इस प्रकार बिलवाष्टक  संपूर्ण हुआ।।

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