https://youtu.be/uLO7vBtEM5Y
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फ़ना के बाद भी मुझको सता रहा है कोई
निशान क़ब्र को मेरे मिटा रहा है कोई
मेरे ख़ुदा मुझे थोड़ी सी ज़िन्दगी दे दे
उदास मेरे जनाज़े से जा रहा है कोई
अँधेरी रात में तारों की झिलमिलाहट है
ख़ुदाई सो गयी आँसू बहा रहा है कोई
फ़रिश्तों आसमां से फूल ला के बरसाओ
क़मर की क़ब्र को दुलहन बना रहा है कोई
क़मर की क़ब्र को दुलहन बना रहा है कोई
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