https://youtu.be/_5KAyDabvNI
दानसिंह
मारवाड़ के प्रसिद्ध भजन गायक दानसिंह का 80 वर्ष की उम्र में ३० मार्च, २०१९
को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया और इसी के साथ थार में भजन गायकी
के एक युग का अंत हो गया।
मारवाड़ के प्रसिद्ध भजन गायक दानसिंह ने वीणा पर भजन गायन की शुरुआत
16 वर्ष की उम्र में की थी और निधन से एक दिन पहले तक गायन करते रहे।
वे व्यावसायिक श्रेणी के कलाकार थे। इनकी वीणा वादन में साधना थी तथा क्षेत्र
के मठों, मंदिरों व बड़ी जागरणों में इनके भजनों के बिना कार्यक्रम अधूरा समझा
जाता था। इन्हें वीणा, ढोलक, कांसिए, हारमोनियम की संगत से राग रागिनियों,
सुर ताल लय में दक्षता हासिल थी। उन्हें हजारों की संख्या में भजन, कथाएं, दोहे,
लोकोक्तियां आदि कंठस्थ थे। मूलतः सरली गांव के गंगासरा निवासी दानसिंह साठ
साल से जिला मुख्यालय बाड़मेर पर निवास कर रहे थे। उन्होंने राजकीय अस्पताल में
टेक्नीशियन के तौर पर सेवाएं दी। बचपन से ही भजन गायन का शौक होने के कारण
विभिन्न भजन मंडलियों व जम्मा-जागरण में प्रस्तुतियां देते थे। इनकी गायकी के
प्रति इतनी लगन थी कि सोलह साल की उम्र में भजन गायन शुरू किया और अंतिम
समय से एक दिन पहले तक भजन गायन करते रहे।
80 वर्ष की उम्र के बावजूद दानसिंह ने पिछले 2 वर्षों से (२०१७-२०१९), कबीर यात्रा में
लगातार भाग लिया और बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, जोधपुर आदि जिलों में अपनी
गायकी का जादू बिखेरा। इस उम्र में भी उनकी गायकी प्रतिभा से प्रभावित होकर जिले
के कई युवाओं ने पारम्परिक वाद्य यंत्रों पर उनसे गायन सीखा। उनसे गायकी सीख
कर कई युवा इंटरनेशनल मंच पर अपनी प्रस्तुतियां दे चुके है।
मुख्य स्वर एवं तम्बूरा - स्वर्गीय दान सिंह
मंजीरा - कुम्बा राम , देवी सिंह
ढोलक - जीवन
हारमोनियम - नर सिंह बकोलिया
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