मंगलवार, 17 अगस्त 2021

कौन हूँ, मैं कौन हूँ, मुझे जानता कोई नहीं.../ सूफी क़व्वाली / इमाम दीन दख़न / माँझी फ़क़ीर

https://youtu.be/IFtx0F4XUKM

कौन हूँ, मैं कौन हूँ, मुझे जानता कोई नहीं... कलाम : इमाम दीन दख़न गायन : माँझी फ़क़ीर एवं साथी

इमाम दीन दख़न
मैं कौन हूँ, मैं कौन हूँ, मुझे जानता कोई नहीं
मौजूद हूँ मैं हर जगह, पहचानता कोई नहीं

बे-मिस्ल हूँ, बे-रंग हूँ, हर रंग में मेरा रंग है
सब में समाया हूँ मगर, मुझे देखता कोई नहीं

घर मेरा तेरे घर में है और दर मेरा तेरे दिल अंदर
दीद का दरवाज़ा है, दिल खोलता कोई नहीं

किसने देखा, कैसा देखा, जैसा देखा, ऐसा देखा
बात अपने भेद की अब बोलता कोई नहीं

पहचान अपने आप को, बस आप ही तो आप हो
मैं नहीं, लेकिन हूँ मैं, ये सोचता कोई नहीं
नाम किसने रख दिया मेरा 'इमाम दीं' मग़र
बे-नाम हूँ मैं, नाम से मेरे आश्ना कोई नहीं

* * * *
बहादुर शाह ज़फर
दोनों आलम की हक़ीक़त, एक पैमाने में है
अल्ला-अल्ला का मज़ा मुर्शिद के मैखाने में है
---------------------------एक नुक़्ता खुल गया
जो मज़ा जीने में नाही, वो तो मर जाने में है
दर हक़ीक़त की ख़बर, मुझको ज़रा ज़ाहिद बता
कौन था वो मसजिदों में, कौन बुतख़ाने में है
न ख़ुदा मस्जिद में देखा, न तो बुतख़ाने में है
शेख़ जी ने तोह से पूंछौं दिल के काशाने में है
पूंछते हो क्या जफ़र से मर गए मुद्दत हुई
एक शराबी था कि जिसकी क़ब्र मैख़ाने में है

Manjhi Faqeer is a very popular Singer of Sindh. He exels as a Sindhi Sufi Music Singer, Sindhi Classical Music Singer, and Sindhi Folk Music Singer. Sindhi Songs, sung by him in great Sufi style on "Yaktaro and Chapri" recognises him as a legendary Artist of Sindh. He is also very popular abroad.  

Manjhi Faqeer  grew up surrounded by the sounds of the Shrines and the Sindhi Kalam's of the "Sufi poets" and took up the study and practice of Sindhi Sufi Music, Sindhi Folk Music, Classical Music.  Manjhi Faqeer is very popular in all over Sindh, he sung in local TV Channels, such as KTN TV, Kashish TV, Sindh TV, and also local "Mehfils" in all over Sindh.

He sung great songs of love by "Hazrat Sachal Sarmast R.A", "Hazrat Shah Abdul Latif Bhitai R.A", "Hazrat Bedal Faqeer R.A", "Hazrat Manthar Faqeer R.A" and other popular Sindhi poets. His most popular song was "Haq Maujood Sada Maujood. 


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