हमन हैं इश्क़ मस्ताना हमन को होशियारी क्या रहें आज़ाद या जग से हमन दुनिया से यारी क्या
जो बिछड़े हैं पियारे से भटकते दर-ब-दर फिरते हमारा यार है हम में हमन को इंतिज़ारी क्या
ख़लक़ सब नाम अपने को बहुत कर सर पटकता है हमन गर नाम साँचा है हमन दुनिया से यारी क्या
न पल बिछ्ड़ें पिया हम से न हम बिछड़े पियारे से उन्हीं से नेह लागी है हमन को बे-क़रारी क्या
'कबीरा' इश्क़ का माता दुई को दूर कर दिल से जो चलना राह नाज़ुक है हमन सर बोझ भारी क्या
अर्थात्
हम तो इश्क की मस्ती में हैं, हमसे होशियारी क्या करते हो। हम संसार में रहें या संसार से दूर इसमें लिप्त नहीं होते। हम अगर अपने प्रिय से बिछड़ कर दर-दर भटकें भी, तब भी हमारा प्रिय हम में ही रहता है। लोग अपने साहब का नाम जपने को बहुत सर पटकते हैं। लेकिन हमें तो एक ही नाम सच्चा है, हमें दुनिया भर के नामों से मतलब नहीं। न हमारा प्यार पल भर को भी हमसे बिछड़े और न हम अपने प्यार से। हमारा प्यार जब सच्चा है तो हमें बेकरारी क्यों होगी। और आखिर में कबीर कह रहे हैं कि दो नातों में नहीं पड़ना चाहिए। इस फर्क को दिल से दूर करना चाहिए। यह राह बहुत नाजुक है, लेकिन फिर भी भारी बोझ का क्या…
एक कल्ट की तरह सारे संसार में समादृत कबीर का प्रमुख ग्रंथ ‘बीजक’ को माना जाता है। ‘साखी’, ‘सबद’ और ‘रमैनी’ ‘बीजक’ के ही भाग हैं। कबीर की यह रचना न तो ‘बीजक’ में है और न ही ‘कबीर ग्रंथावली’ में। थोड़े विवादों के साए में इसे हिंदी की पहली ग़ज़ल मानने का चलन है। -अविनाश मिश्र
Ranjana Jha has been singing Maithili songs, especially Maithili Bhajan and Maithili lokgeet for many years. She is know for her melodious voice. Ranjana Jha is from araria district bihar. Ranjana Jha's Sohar song is very popular among masses. She is known as Sharda Sinha of Maithili Geet. Ranjana jha has been singing Maithili songs for last 30 years. She resides in Bihar and she is a great supporter of Indian culture and ethos. She has worked immensely for the upliftment of Maithili culture.
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