मंगलवार, 12 मार्च 2019

ब्रूहि मुकुन्देति रसने ! ...

https://youtu.be/-Y6Z54jkMIg

भारत की परम्परा को संजोते एवं जीवित रखते हुए बच्चे

कृति : ब्रूहि मुकुन्देति रसने ...

रचनाकार : सदाशिव ब्रह्मेन्द्र

भाषा : संस्कृत 
राग : कुरिन्जी
ताल :आदि

पल्लवी :

ब्रूहि मुकुन्देति रसने ! ब्रूहि मुकुन्देति

चरणम :

केशव-माधव-गोविन्देति
कृष्णानन्द-सदानन्देति  (ब्रूहि...)

राधारमण-हरे-रामेति
राजीवाक्ष-घनश्यामेति  (ब्रूहि...)

गरुडगमन-नन्दकहस्तेति
खण्डित-दशकन्धर-मस्तेति (ब्रूहि...)

अक्रूरप्रिय-चक्रधरेति  
हंस-निरञ्जन हंस-हरेति (ब्रूहि...)
                 *

अपराजिता आदिराजु (गायन)
वर्षिनी अय्यर (गायन)
विश्वक कुमारन (मृदङ्गम)
अर्जुन रामचन्द्रन (मृदङ्गम)
ऋषभ रंगनाथन (वायलिन)



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