https://youtu.be/xM3j72P0oxw
गाड़ो गुल बंदा : गढ़वाली लोक गीत
‘गाड़ो गुलोबंद’ लगभग सौ से डेढ़ सौ साल पुराना लोक गीत है।
इस गीत में सास बहु की खट्टी मीठी नोक-झोंक है।
इस गीत को सर्वप्रथम1984 में स्वर्गीय चंद्र सिंह राही ने कैसेट में
रिकॉर्ड किया था और इस गीत को बीना कुकरेती ने गाया था।
चंद्र सिंह राही को लोकगीतों से काफी प्यार था।
यह उनके द्वारा शोध किये गए लोकगीतों के खजाने में से एक गीत है।
‘गाड़ो गुलोबंद’ लगभग सौ से डेढ़ सौ साल पुराना लोक गीत है।
इस गीत में सास बहु की खट्टी मीठी नोक-झोंक है।
इस गीत को सर्वप्रथम1984 में स्वर्गीय चंद्र सिंह राही ने कैसेट में
रिकॉर्ड किया था और इस गीत को बीना कुकरेती ने गाया था।
चंद्र सिंह राही को लोकगीतों से काफी प्यार था।
यह उनके द्वारा शोध किये गए लोकगीतों के खजाने में से एक गीत है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें