https://youtu.be/f7WrviQnAiM
।। गल भुजंग भस्म अंग शँकर अनुरागी ।।
गल भुजंग भस्म अंग शंकर अनुरागी ।
सतगुरु चरणारबिन्द शिव समाधि लागी ॥
गल भुजंग भस्म अंग ...........॥
तीन नयन अमृत भरे गले मुंड माला । रहत नगन फिरत मगन संग गौरी बाला ॥ गल भुजंग भस्म अंग .........॥
अपने पति को निरख-निरख पारवती जागी । औरन आशीष देत आप फिरत त्यागी ॥ गल भुजंग भस्म अंग ........॥
*
तीन नयन अमृत भरे गले मुंड माला । रहत नगन फिरत मगन संग गौरी बाला ॥ गल भुजंग भस्म अंग .........॥
अपने पति को निरख-निरख पारवती जागी । औरन आशीष देत आप फिरत त्यागी ॥ गल भुजंग भस्म अंग ........॥
*
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें