रविवार, 20 जून 2021

इतना टूटा हूँ के, छूने से, बिखर जाऊँगा.../ ग़ज़ल : मोईन नज़र / प्रस्तुति : गुलाम अली

 https://youtu.be/vL3BwIs3xbI 


Moin Nazar is a Lyricist in Bollywood.

ग़ज़ल : मोईन नज़र प्रस्तुति : गुलाम अली इतना टूटा हूँ के, छूने से, बिखर जाऊँगा - 2 अब अगर और, दुआ दोगे तो, मर जाऊँगा - 2 इतना टूटा हूँ के, छूने से, बिखर जाऊँगा - 2 पूछकर, मेरा पता वक्त, रायगां न करो - 2 मैं तो बंजारा हूँ, क्या जाने, किधर जाऊँगा - 2 अब अगर और, दुआ दोगे तो, मर जाऊँगा इतना टूटा हूँ के, छूने से, बिखर जाऊँगा..... हर तरफ़ धुंध है, जुगनू है, न चराग कोई - 2 कौन पहचानेगा, बस्ती में, अगर जाऊँगा - 2 अब अगर और, दुआ दोगे तो, मर जाऊँगा इतना टूटा हूँ के, छूने से, बिखर जाऊँगा..... ज़िन्दगी मैं भी, मुसाफिर हूँ, तेरी कश्ती का - 2 तू जहाँ मुझसे, कहेगी मैं, उतर जाऊँग - 2 अब अगर और, दुआ दोगे तो, मर जाऊँगा इतना टूटा हूँ के, छूने से, बिखर जाऊँगा..... फूल रह जायेंगे, गुलदानों में, यादों की नज़र - 2 मै तो खुशबु हूँ, फिज़ाओं में, बिखर जाऊँगा - 2 अब अगर और, दुआ दोगे तो, मर जाऊँगा इतना टूटा हूँ के, छूने से, बिखर जाऊँगा..... इतना टूटा हूँ के, छूने से, बिखर जाऊँगा अब अगर और, दुआ दोगे तो, मर जाऊँगा इतना टूटा हूँ के, छूने से, बिखर जाऊँगा..... बिखर जाऊँगा - 2

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