सोमवार, 4 जुलाई 2022

आंगिकम् भुवनं यस्य.../ शिव ध्यानं / प्रस्तुति : कला दर्पण

 https://youtu.be/Z53bFkCNOCs  

नृत्यांगना : देवाश्री मुसले
कोरियोग्राफी : गुरु अर्चना बाधे 

"आंगिकम् भुवनं यस्य वाचिकं सर्वांग्म्यम्।
आहार्यं चंद्रतारादि तं नमः सात्त्विकं शिवम्"।।
अर्थ 
समस्त ब्रम्हाण्ड भगवान नटराज शिव का शरीर है, 
संसार का समस्त साहित्य भगवान शिव की वाणी है, 
ब्रम्हाण्ड के चंद्र तथा तारा गण आदि भगवान शिव को 
अलंकृत करने वाले आभूषण हैं, उस सात्विक गुणों वाले 
शिव का मैं वंदन करता हूँ।

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