मंगलवार, 12 मार्च 2024

ज़िस्म ये रूह है, मिटटी है, ख़ला है, क्या है.../ ग़ज़ल / अरुण मिश्र / संगीत एवं स्वर : केवल कुमार

 https://youtu.be/LezXhC6AMKs 


ज़िस्म ये रूह है, मिटटी है, ख़ला है, क्या है ?
रूह है,  आग है,  पानी  है,  हवा  है,  क्या है ?

आँखें इसरार करें, लब पे  मुसल्सल इनक़ार 
कोई आदत है,  जिद  है,  के अदा है, क्या है?

कभी डसती, कभी लहराती, कभी छा जाती
कोई नागिन है, ज़ुल्फ़ है, कि घटा है, क्या है?

साँस  की  बंसरी  को  रोज़  नए  सुर  देता 
कोई फ़नकार है, शायर है, ख़ुदा है, क्या है ?

हुस्न को इश्क़ के रखते हो, मुक़ाबिल जो 'अरुन'
है  ये  ख़ुद्दारी,  ज़ुनूं  है,  कि  अना  है,  क्या  है?

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