https://youtu.be/JD9gsauGP4Y
चंद्रमुखी सन गौरी हमर छथि...
गे माई,
चंद्रमुखी सन गौरी हमर छथि, सुरुज सन करितों जमाई।
गे माई,
नारद के हम की रे बिगड़लों, जिन बूढ़ आनल जमाई।
गे माई,
एहेन सुनर धिया तिनको केहेन पिया नारद आनल उठाई।
गे माई,
परिछन चलली माई मनाईंन, वर देखि खसलि झमाई।
गे माई,
हम नै बियाहब इहो तपसि वर, मोरी धिया रहती कुमारि।
गे माई,
कहथिन गौरी सुनु हे सदाशिव, एक बेर रूप देखाऊ।
गे माई,
देखि जुड़ाइत माई मनाईंन, देखत नगर समाज।
गे माई,
भनइ विद्यापति सुनु हे मनाईंन, इहो थिका त्रिभुवन नाथ।
गे माई,
करम लिखल छल इहो तपसि वर, लिखल मेटल नहि जाय।
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