बुधवार, 20 मार्च 2024

गणपति तालं.../ गणेश की पारम्परिक स्तुति / स्वर : शारदा राघव

 https://youtu.be/Ieu4JOlubXs  

 
विकटोत्कटसुंदरदंतिमुखं
भुजगेंद्रसुसर्पगदाभरणम् |
गजनीलगजेंद्र गणाधिपतिं
प्रणतोऽस्मि विनायक हस्तिमुखम् || १ ||

सुर सुर गणपति सुंदरकेशं
ऋषि ऋषि गणपति यज्ञसमानम् |
भव भव गणपति पद्मशरीरं
जय जय गणपति दिव्यनमस्ते || २ ||

गजमुखवक्त्रं गिरिजापुत्रं
गणगुणमित्रं गणपतिमीशप्रियम् || ३ ||

करधृतपरशुं कंकणपाणिं
कबलितपद्मरुचिम् |
सुरपतिवंद्यं सुंदरनृत्तं [** सुंदरवक्त्रं **]
सुरचितमणिमकुटम् || ४ ||

प्रणमतदेहं प्रकटितताळं
षड्गिरि ताळमिदम् |
तत्तत् षड्गिरि ताळमिदं
तत्तत् षड्गिरि ताळमिदम् || ५ ||

लंबोदरवर-कुंजासुरकृत-कुंकुमवर्णधरम् |
श्वेतसशृंगं-मोदकहस्तं-प्रीतिसपनसफलम् || ६ ||

नयनत्रयवर-नागविभूषित-नानागणपति तं तत्तक्
नयनत्रयवर-नागविभूषित-नानागणपति तं तत्तक्
नानागणपति तं तत्तक्
नानागणपति तम् || ७ ||

धवलितजलधरधवलितचंद्रं
फणिमणिकिरणविभूषितखड्गम् |
तनुतनुविषहरशूलकपालं
हरहरशिवशिवगणपतिमभयम् || ८ ||

कटतटविगलितमदजलजलधित-
गणपतिवाद्यमिदं
कटतटविगलितमदजलजलधित-
गणपतिवाद्यमिदं
तत्तक् गणपतिवाद्यमिदं
तत्तक् गणपतिवाद्यमिदम् || ९ ||

तक्क धिं नं तरिकु तरिजनकु कुकुतद्दि
कुकुतकिट डिंडिंगु डिगुण कुकुतद्दि
तत्त झं झं तरित
त झं झं तरित
तकत झं झं तरित
त झं झं तरित
तरि तनत तनझणुत झणुधिमित
किटतक तरिकिटतों
तकिट किटतक तरिकिटतों
तकिट किटतक तरिकिटतों ताम् || १० ||

तकतकिट-तकतकिट-तकतकिट-तत्तों
शशिकलित-शशिकलित-मौळिनं शूलिनम् |
तकतकिट-तकतकिट-तकतकिट-तत्तों
विमलशुभकमलजलपादुकं पाणिनम् |
धित्तकिट-धित्तकिट-धित्तकिट-तत्तों
प्रमथगणगुणखचितशोभनं शोभितम् |
धित्तकिट-धित्तकिट-धित्तकिट-तत्तों
मृथुलभुज-सरसिजविशानकं पोषणम् | [** सरसिजभिपानकं **]
तकतकिट-तकतकिट-तकतकिट-तत्तों
पनसफल-कदलिफल-मोदनं मोदकम् |
धित्तकिट-धित्तकिट-धित्तकिट-तत्तों
प्रमथगुरुशिवतनय गणपति ताळनम् |
गणपति ताळनं
गणपति ताळनम् || ११ ||

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