गुरुवार, 21 मार्च 2024

म्हारो प्रणाम, बांके बिहारी जी.../ सन्त मीरा बाई / राग : यमन / स्वर : शोभा गुर्टू

 https://youtu.be/D_urLVPlBu8   

शोभा गुर्टू (1925-2004) हल्की हिंदुस्तानी शास्त्रीय शैली की एक भारतीय गायिका थीं। 

भानुमती शिरोडकर (शोभा गुर्टू ) का जन्म 1925 में बेलगाम , (वर्तमान कर्नाटक ) में हुआ 
था। उनकी माँ, मेनकाबाई शिरोडकर, एक पेशेवर नर्तकी थीं तथा जयपुर-अतरौली घराने के 
उस्ताद अल्लादिया खान की 'गायकी' शिष्या थीं। शोभा ने भी छोटी उम्र से ही संगीत का 
प्रशिक्षण उन्हीं से प्राप्त किया। 

शोभा ने एक अच्छे परिवार के कश्मीरी ब्राह्मण सज्जन विश्वनाथ गुर्टू से शादी की और उन्हें 
शोभा गुर्टू के नाम से जाना जाने लगा। 

1987 में, उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार मिला , और बाद में लता मंगेशकर पुरस्कार , 
शाहू महाराज पुरस्कार और महाराष्ट्र गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया गया । वर्ष 2002 में 
उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।

पांच दशकों तक हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत शैली पर राज करने के बाद, ठुमरी की रानी के 
रूप में, शोभा गुर्टू की 27 सितंबर 2004 को मृत्यु हो गई। 

म्हारो प्रणाम, बांके बिहारी जी।
म्हारो प्रणाम, बांके बिहारी जी,
म्हारो प्रणाम।।

मोर मुकुट मात्थ्या तिलक बिराज्या,
कुंडल अलका कारी जी,
म्हारो प्रणाम, बांके बिहारी जी,
म्हारो प्रणाम।।

अधर मधुर धर बंसी बजावै,
रीझि रिझावा बृज नारी जी,
म्हारो प्रणाम, बांके बिहारी जी,
म्हारो प्रणाम।।

या छब देख्या मोह्या मीरा,
मोहन गिरिवर धारी जी,
म्हारो प्रणाम, बांके बिहारी जी,
म्हारो प्रणाम।।

प्रणाम, प्रणाम।

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