मंगलवार, 5 मार्च 2024

वो जो इक शहर था समुंदर सा.../ ग़ज़ल : इशरत आफ़रीन

इशरत आफरीन (जन्म 25 दिसंबर 1956) एक उर्दू कवि हैं। 
उनकी रचनाओं का अंग्रेजी, जापानी, संस्कृत और हिंदी सहित 
कई भाषाओं में अनुवाद किया गया है । 
ग़ज़ल गायक जगजीत सिंह और चित्रा सिंह ने भी अपने संकलन, 
बियॉन्ड टाइम (1987) में उनकी कविता प्रस्तुत की है। 
वो जो यादों की रौशनी सी थी 
वो जो आबाद इक गली सी थी 
वो जो इक शहर था समुंदर सा 
और समुंदर पे चाँदनी सी थी 
वो जो जंगल था इक किवाड़ों का 
और जंगल में ज़िंदगी सी थी 
वो जो दीवार-पीछे मुखड़े थे 
और मुखड़ों पे ताज़गी सी थी 
वो जो इक बाढ़ थी गुलाबों की 
वो जो ख़ुशबू धुली धुली सी थी 
वो जो रस्ते में एक कुटिया थी 
वो जो बुढ़िया झुकी झुकी सी थी 
वो जो सूरत पे था नमक उस की 
वो जो बातों में चाशनी सी थी 
वो जो लड़की थी इक पहेली सी 
वो पहेली जो अन-कही सी थी 
वो जो कोने पे एक जामुन था 
वो जो डाली हरी-भरी सी थी 
वो जो लड़कों की एक गारद थी 
वो जो इक फ़ाख़्ता डरी सी थी 
वो जो लड़का था इक छरेरा सा 
और रंगत भी साँवली सी थी 
नाम भी याद है बताएँ क्या 
शक्ल भी याद है भली सी थी 

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