https://youtu.be/3YIVeqIlKhY
टिप्पणी : सुश्री प्राची पन्त (चन्द्रा) बहुत ही मधुर आवाज़ की स्वामिनी हैं।
इन्होंने लगभग ८ वर्ष पूर्व मेरे द्वारा लिखित श्री लक्ष्मी-गणेश जी की
इन्होंने लगभग ८ वर्ष पूर्व मेरे द्वारा लिखित श्री लक्ष्मी-गणेश जी की
सयुंक्त आरती गयी है जिसके, यूट्यूब पर अब तक ५ लाख से अधिक
व्यूज हो चुके हैं।-अरुण मिश्र
Purano sei diner katha bhulbi kire haay.
O sei chhokher dekha, praaner katha, se ki bhola jaay.
Aay aar-ektibar aay re sakha, praaner maajhe aay.
Mora sukher dukher katha kabo, praan jurabe taay.
Mora bhorer bela phul tulechhi, dulechhi dolaay –
Baajiye bnaashi gaan geyechhi bokuler talaay.
Aabar dekha jodi holo sakha praaner maajhe aay.
Haay maajhe holo chhaarachhaari, gelem ke kothaay –
How can you forget events of the good old days, dear.
The glimpse of each other, spirited chatting, are unforgettable.
Come once more, my friend, come into my heart.
We'll talk about the joy and sorrows to soothe heart.
We've collected flowers at dawn, played and swung a lot –
Sang and fluted under the BAKUL tree.
Then happened the separation, alas, we got diverged –
When we've got a chance to unite once more, come into my heart.
Translation : Anjan Ganguly
बीते बिताए दिनों की बात भूलूँ कैसे हाय
वो तो देख दिखाई मन की बातें भुलाई न जाएं
आओ बस एक बार आओ साथी प्राण में समाओ
हम सुख दुख कीबातें करें हल्का हो ये मन।
हम भोर भोर जो फूल चुने थे झूला थे झूले
बजा बंसी गीत गाए थे बकुल के तले
अचानक हम बिछड़ गए, गए कोई कहीं
फिर ये मिलन जो अब हो गया साथी प्राण में समाओ॥
अनुवाद : जलज भादुरी
वो तो देख दिखाई मन की बातें भुलाई न जाएं
आओ बस एक बार आओ साथी प्राण में समाओ
हम सुख दुख कीबातें करें हल्का हो ये मन।
हम भोर भोर जो फूल चुने थे झूला थे झूले
बजा बंसी गीत गाए थे बकुल के तले
अचानक हम बिछड़ गए, गए कोई कहीं
फिर ये मिलन जो अब हो गया साथी प्राण में समाओ॥
अनुवाद : जलज भादुरी
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