गुरुवार, 30 अप्रैल 2020

पिया आवो तो.../ राजस्थानी गीत / अनुप्रिया लखावत

https://youtu.be/edd_BOnLRzQ
स्वर : अनुप्रिया लखावत, संगीत : कपिल जांगिड़, अभिनय : आस्था दधीच
पिया आवो तो...
बाटड़ल्यां थांरी
जोवती
म्हारी आंखड़ल्यां
दिन रात
आवो म्हारा
साएबा
तो कोई करल्यां
मनड़े री बात

पिया आवो तो
हो जी पिया आवो तो
मनड़े री बात कर ल्यां
पिया आवो तो
थांकी बातड़ल्यां मं आज
पूरी रात करल्यां
थांकी बातड़ल्यां मं आज
पूरी रात करल्यां
(पिया आवो तो मनड़े री बात
कर ल्यां)
(पिया आवो तो)
आज्या रे आज्या रे
मतवाळा ढोला
आयां सरसी
मनड़े री प्यास तो
बुझायां सरसी
(मनड़े री प्यास तो
बुझायां सरसी)
(पिया आवो तो मनड़े री बात
कर ल्यां)

(पिया आवो तो)

परदेसी थांरी, ओळ्यूं
घणी आवे
(परदेसी थांरी, ओळ्यूं
घणी आवे)
पागल मन ने, कुण समझावे
(पागल मन ने, कुण समझावे)
पायल छम छम, शोर मचावे
(पायल छम छम, शोर मचावे)
हाथां रा कंगणां थाने
ही बुलावे
चन्दा चान्दणी सो
हो जी चन्दा चान्दणी सो
थांकों म्हांकों साथ
करल्यां
चन्दा चान्दणी सो
थांकी बातड़ल्यां मं आज
पूरी रात करल्यां
थांकी बातड़ल्यां मं आज
पूरी रात करल्यां
(पिया आवो तो मनड़े री बात
कर ल्यां)
(पिया आवो तो)
आज्या रे आज्या रे
मतवाळा ढोला
आयां सरसी
सावणिये म लेहरियो
रंगायां सरसी
(सावणिये म लेहरियो
रंगायां सरसी)

(पिया आवो तो मनड़े री बात
कर ल्यां)
(पिया आवो तो)

रुत या बसंती, बीत्यां
ही जावे
(रुत या बसंती, बीत्यां
ही जावे)
थां बिन घड़ी इक, नींद ना
आवे
(थां बिन घड़ी इक, नींद ना
आवे)
सीळी सीळी रातां मे,
पिया याद आवे
(सीळी सीळी रातां मे,
पिया याद आवे)
कुण म्हांनें आय, गळे
स्यूं लगावे
झीणी रात मे
हो जी ठण्डी रात मे
म्हें थांसूं मुलाकात
करल्यां
ठण्डी रात मे
थांकी बातड़ल्यां मं आज
पूरी रात करल्यां
थांकी बातड़ल्यां मं आज
पूरी रात करल्यां
(पिया आवो तो मनड़े री बात
कर ल्यां)
(पिया आवो तो)
आज्या रे आज्या रे
मतवाळा ढोला
आयां सरसी
गोरी धण ने हिवड़े
लगायां सरसी

(गोरी धण ने हिवड़े
लगायां सरसी)
(पिया आवो तो मनड़े री बात
कर ल्यां)
(पिया आवो तो)
पिया आवो तो मनड़े री बात
कर ल्यां
पिया आवो तो
हो जी पिया आवो तो
हां जी पिया आवो तो
हो जी पिया आवो तो
हां जी पिया आवो तो

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