https://youtu.be/i5vrLCay0nA
आयल चैत मधुर रंग पॉचम (चैतावर) कवि/गीतकार : श्री शिव कुमार झा 'टिल्लू'
भाषा : मैथिली
गायिका : रजनी पल्ल्वी
चैती /मैथिल चैताबर
आयल चैत मधुर रंग पॉचम,
उपवन बुलबुल गावय ना
सन-सन पुरबा मलय वसात,
झन-झन देह झनकावय ना...
कुहकै कुक कोइली बबुर वन,
चहकै अलि पाटलि मधुवन,
फड़कै मोर मोरनि लोचन,
फनकै मृगी पद फन-फन,
भन-भन मन भनकावय ना
भाविनी खिलायलि गहवर,
वहिना मुदित हिय फरफर,
सखी नेह मातलि कोहवर
भौजी रेह गावथि सोहर,
क्षण-क्षण तन छनकावय ना
प्रियतम व्यथित ई आखर
नोरक सियाँही झरझर,
कोमल शय्या भेल खरखर,
सुखि देह वक सन पातर
कण-कण पट सिहरावय ना
उपटल फागुन केर रस वुन,
हहरल नुपूर स्वर झुन - झुन,
विकल नैन भेल अधर सुन्न
अछि कोन कांता मे अवगुन?
घन-घन घट सनकावय ना
सन-सन...
आयल चैत मधुर रंग पॉचम (चैतावर) कवि/गीतकार : श्री शिव कुमार झा 'टिल्लू'
भाषा : मैथिली
गायिका : रजनी पल्ल्वी
चैती /मैथिल चैताबर
आयल चैत मधुर रंग पॉचम,
उपवन बुलबुल गावय ना
सन-सन पुरबा मलय वसात,
झन-झन देह झनकावय ना...
कुहकै कुक कोइली बबुर वन,
चहकै अलि पाटलि मधुवन,
फड़कै मोर मोरनि लोचन,
फनकै मृगी पद फन-फन,
भन-भन मन भनकावय ना
भाविनी खिलायलि गहवर,
वहिना मुदित हिय फरफर,
सखी नेह मातलि कोहवर
भौजी रेह गावथि सोहर,
क्षण-क्षण तन छनकावय ना
प्रियतम व्यथित ई आखर
नोरक सियाँही झरझर,
कोमल शय्या भेल खरखर,
सुखि देह वक सन पातर
कण-कण पट सिहरावय ना
उपटल फागुन केर रस वुन,
हहरल नुपूर स्वर झुन - झुन,
विकल नैन भेल अधर सुन्न
अछि कोन कांता मे अवगुन?
घन-घन घट सनकावय ना
सन-सन...
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