रविवार, 19 अप्रैल 2020

यक अरज गुफतम... / गुरु नानक देव जी की फ़ारसी रचना / अमृता कौर / हिन्दी भावानुवाद सहित

https://youtu.be/RRMjF9b51I0
फ़ारसी सबद : गुरु नानक देव 

यक अरज गुफतम पेसि तो दर गोस कुन करतार ॥
हका कबीर करीम तू बेऐब परवदगार ॥

दुनीआ मुकामे फानी तहकीक दिल दानी ॥
मम सर मूइ अजराईल गिरफतह दिल हेचि न दानी ॥१॥

जन पिसर पदर बिरादरां कस नेस दसतंगीर ॥
आखिर बिअफतम कस न दारद चूं सवद तकबीर ॥२॥

सब रोज गसतम दर हवा करदेम बदी खिआल ॥

गाहे न नेकी कार करदम मम ईं चिनी अहवाल ॥३॥

बदबखत हम चु बखील गाफिल बेनजर बेबाक ॥

नानक बुगोयद जनु तुरा तेरे चाकरां पा खाक ॥४॥१॥

हिन्दी भावानुवाद : अरुण मिश्र 

इक अर्ज़ तुमसे कर रहा सुन लो मेरे करतार।
हे सत्य, श्रेष्ठ, कृपालु, निर्मल, विश्व पालनहार।।

सृष्टि नश्वर वस्तुतः , यद्यपि ह्रदय में भान। 
केश हैं यमदूत के कर, मैं फिरूं अनजान।।

तात,सुत दारा, सहोदर, गहे न कोई हाथ। 
अंत में अरदास अन्तिम में न कोई साथ।।

रात-दिन विचरा, लिए मन में कुटिल खयाल।
कर्म नेकी के किये न, है ये मेरा हाल।। 

कृपण, काहिल, भाग्यहत, निर्लज्ज, नामाकूल। 
कहें 'नानक', सेवकों का हूँ तेरे, पग-धूल।। 

ENGLISH TRANSLTION :

I offer this one prayer to You; please listen to it, O Creator Lord.
You are true, great, merciful and spotless, O Cherisher Lord. 
The world is a transitory place of mortality - know this for certain in your mind.
Azraa-eel, the Messenger of Death, has caught me by the hair on my head, and yet, I do not know it at all in my mind. ||1||
Spouse, children, parents and siblings - none of them will be there to hold your hand.
And when at last I fall, and the time of my last prayer has come, there shall be no one to rescue me. ||2||
Night and day, I wandered around in greed, contemplating evil schemes.
I never did good deeds; this is my condition. ||3||
I am unfortunate, miserly, negligent, shameless and without the Fear of God.
Says Nanak, I am Your humble servant, the dust of the feet of Your slaves. ||4||

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