https://youtu.be/RRMjF9b51I0
फ़ारसी सबद : गुरु नानक देव
यक अरज गुफतम पेसि तो दर गोस कुन करतार ॥
हका कबीर करीम तू बेऐब परवदगार ॥
दुनीआ मुकामे फानी तहकीक दिल दानी ॥
मम सर मूइ अजराईल गिरफतह दिल हेचि न दानी ॥१॥
जन पिसर पदर बिरादरां कस नेस दसतंगीर ॥
आखिर बिअफतम कस न दारद चूं सवद तकबीर ॥२॥
सब रोज गसतम दर हवा करदेम बदी खिआल ॥
गाहे न नेकी कार करदम मम ईं चिनी अहवाल ॥३॥
बदबखत हम चु बखील गाफिल बेनजर बेबाक ॥
नानक बुगोयद जनु तुरा तेरे चाकरां पा खाक ॥४॥१॥
हिन्दी भावानुवाद : अरुण मिश्र
इक अर्ज़ तुमसे कर रहा सुन लो मेरे करतार।
यक अरज गुफतम पेसि तो दर गोस कुन करतार ॥
हका कबीर करीम तू बेऐब परवदगार ॥
दुनीआ मुकामे फानी तहकीक दिल दानी ॥
मम सर मूइ अजराईल गिरफतह दिल हेचि न दानी ॥१॥
जन पिसर पदर बिरादरां कस नेस दसतंगीर ॥
आखिर बिअफतम कस न दारद चूं सवद तकबीर ॥२॥
सब रोज गसतम दर हवा करदेम बदी खिआल ॥
गाहे न नेकी कार करदम मम ईं चिनी अहवाल ॥३॥
बदबखत हम चु बखील गाफिल बेनजर बेबाक ॥
नानक बुगोयद जनु तुरा तेरे चाकरां पा खाक ॥४॥१॥
हिन्दी भावानुवाद : अरुण मिश्र
इक अर्ज़ तुमसे कर रहा सुन लो मेरे करतार।
हे सत्य, श्रेष्ठ, कृपालु, निर्मल, विश्व पालनहार।।
सृष्टि नश्वर वस्तुतः , यद्यपि ह्रदय में भान।
केश हैं यमदूत के कर, मैं फिरूं अनजान।।
तात,सुत दारा, सहोदर, गहे न कोई हाथ।
अंत में अरदास अन्तिम में न कोई साथ।।
रात-दिन विचरा, लिए मन में कुटिल खयाल।
कर्म नेकी के किये न, है ये मेरा हाल।।
कृपण, काहिल, भाग्यहत, निर्लज्ज, नामाकूल।
कहें 'नानक', सेवकों का हूँ तेरे, पग-धूल।।
ENGLISH TRANSLTION :
I offer this one prayer to You; please listen to it, O Creator Lord.
You are true, great, merciful and spotless, O Cherisher Lord.
The world is a transitory place of mortality - know this for certain in your mind.
Azraa-eel, the Messenger of Death, has caught me by the hair on my head, and yet, I do not know it at all in my mind. ||1||
Spouse, children, parents and siblings - none of them will be there to hold your hand.
And when at last I fall, and the time of my last prayer has come, there shall be no one to rescue me. ||2||
Night and day, I wandered around in greed, contemplating evil schemes.
I never did good deeds; this is my condition. ||3||
I am unfortunate, miserly, negligent, shameless and without the Fear of God.
Says Nanak, I am Your humble servant, the dust of the feet of Your slaves. ||4||
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें