सोमवार, 13 अप्रैल 2020

अली म्हाणे लागे वृन्दावन नीको... / मीरा बाई

https://youtu.be/g9Ky7176QDA 

अली म्हाणे लागे वृन्दावन नीको।
घर-घर तुलसी, ठाकुर सेवा, 
दरसन गोविन्द जी को।  
अली म्हाणे लागे वृन्दावन नीको।।

निर्मल नीर बहत यमुना को,
भोजन दूध-दही को। 
अली म्हाणे लागे वृन्दावन नीको।।

रत्न सिंहासन आप विराजे, 
मुकुट धर्यो तुलसी को। 
अली म्हाणे लागे वृन्दावन नीको।। 

कुंजन-कुंजन फिरत राधिका,
सब्द सुनत मुरली को। 
अली म्हाणे लागे वृन्दावन नीको।। 

'मीरा' के प्रभु गिरधर नागर,
भजन बिना नर फीको। 
अली म्हाणे लागे वृन्दावन नीको।।  

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