https://youtu.be/CZt-rVn2BJs
प्रांजल दहिया अभिनीत गाना "बावन गज का दामन
पेहर मटक चालूंगी" रेणुका पंवार द्वारा गाया गया
एक हरियाणवी गीत है।
अपना रूप रंग सजाऊ
मेहंदी हाथों में लगवाऊ
मैं अपना रूप रंग सजाऊंगी,
और हाथों में मेहंदी लगाउंगी।
पायल कंगन भी मंगवाऊ,
फिर नीर भरन मैं जाऊ ।
फिर पायल और कंगन भी मँगवाऊंगी,
फिर उसके बाद मैं पानी भरने जाऊंगी ।
पायल कंगन भी मंगवाऊ,
फिर नीर भरन मैं जाऊ ।
फिर पायल और कंगन भी मँगवाऊंगी,
फिर उसके बाद मैं पानी भरने जाऊंगी ।
घूंघट कांडा सा
काढू ना कसर खालूंगी
घूंघट ओढ़ना था,
पर टेड़ा सा ओढूंगी, आज कोई कसर नही छोड़ूँगी
52 गज का दामन पेहर मटक चलूंगी
52 गज का दामन पेहर मटक चलूंगी
मटक मटक कर चलूंगी।
52 गज का दामण पहन कर, मटक मटक कर (मटक=इतराना) चलूंगी।
जूती मड़कन आली पेहरू
(अर्थात सब लोग मेरी ही बात करेंगे)
जब मैं हवा की तरियां लेहरू
गाँव की बहुओ में तकरार होगी जब मैं हवा की तरह लेहरा कर चलूंगी।
सोने की गुठी गले में हार डालूंगी
मैं हाथों में सोने की अंगूठी और गले में हार पेहनूंगी।
52 गज का दामन पेहर मटक चलूंगी
बावन गज का दामण पहन कर, इतरा के चलूंगी।
52 गज का दामन पेहर मटक चलूंगी
बावन गज का दामण पहन कर, इतरा के चलूंगी।
झुमके कान्या के नए ल्याने
मोटा पेहरना से कोका
कानो के नये झुमके लाने है,
और नाक में कोका भी मोटा पहनना हैं।
टिक्का लाल रंग का ल्याने
देना तगड़ी ते मोक्का
लाल रंग का टिका भी लाना है
और तगड़ी को भी हिलने का मौका देना है।
मेरी चोटी न्यू बोले दुंगे गेल हालूंगी
मेरी चोटी ये केहती हैं ‛आज मोहल्ला हिला दूँगी’
52 गज का दामन पेहर मटक चालूंगी
बावन गज का दामण पहन कर, इतरा के चलूंगी।
52 गज का दामन पहर मटक चालूंगी
बावन गज का दामण पहन कर, इतरा के चलूंगी।
मेरा बलम कमावे चोखे
लाने चूंदर में सित्तारे
मेरे पति अच्छा पैसे कमाते है,
और मुझे भी अपनी चुनरी में सितारे लगवाने है।
मुकेश जाजी तेरी कलमिया लिखे गीत प्यारे
प्यारे गाने लिखती है।
होंठो पे लाली आँख्यां काजल गालुंगी
होठो पर लाली लिपस्टिक और आँखों में काजल लगाउंगी।
52 गज का दामन पेहर मटक के चालूंगी
52 गज का दामन पहन कर, मटक-मटक के चलूंगी।
52 गज का दामन मटक के चालूंगी
52 गज का दामन पहन कर, मटक-मटक के चलूंगी।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें