https://youtu.be/mh9PM59D6ZQ
नासिर काज़मी (1923-1972), लाहौर, पाकिस्तान।
आधुनिक उर्दू ग़ज़ल के संस्थापकों में से एक। भारत के
शहर अंबाला में पैदा हुए और पाकिस्तान चले गए जहाँ
बटवारे के दुख दर्द उनकी शायरी का केंद्रीय विषय बन गए।
आबिदा परवीन (जन्म 20 फ़रवरी 1954),
पाकिस्तान से। दुनिया के सबसे बड़े सूफी गायकों
में से एक। संगीतकार, चित्रकार और उद्यमी है।
उसे अक्सर 'सूफी संगीत की रानी' कहा जाता है।
पाकिस्तान से। दुनिया के सबसे बड़े सूफी गायकों
में से एक। संगीतकार, चित्रकार और उद्यमी है।
उसे अक्सर 'सूफी संगीत की रानी' कहा जाता है।
नीयत-ए-शौक़ भर न जाए कहीं
तू भी दिल से उतर न जाए कहीं
तू भी दिल से उतर न जाए कहीं
आज देखा है तुझ को देर के बाद
आज का दिन गुज़र न जाए कहीं
न मिला कर उदास लोगों से
हुस्न तेरा बिखर न जाए कहीं
आरज़ू है कि तू यहाँ आए
और फिर उम्र भर न जाए कहीं
जी जलाता हूँ और सोचता हूँ
राएगाँ ये हुनर न जाए कहीं
आओ कुछ देर रो ही लें 'नासिर'
फिर ये दरिया उतर न जाए कहीं
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