शनिवार, 15 मई 2021

तांडव गति मुंडन पै नाचत बनवारी...(राग मालकोस) / कालिय दमन कवित्त / गायक : अमल कृष्ण

 https://youtu.be/6CoCluv_Moo 

तांडव गति मुंडन पै नाचत गिरिधारी।
पं पं पं पग पटकत्,
फं फं फं फननि परत,
बिं बिं बिं विनति करत,
नाग वधू हारी।।

शशिक शशिक शनकादिक्
नं नं नं नारद मुनि,
मं मं मं महादेव,
बं बं बलिहारी ,

विविध विविध विधाधर,
दं दं दं देव सकल,
गं गं गं गुनि गंधर्व नाचत दे तारी,

सूरदास प्रभु की वानी 
किं किं किनहु ना जानि
चं चं चं चरण परत,
निर्भय कियो काली,
तांडव गति मुंडन पे नाचत गिरिधारी,

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