शनिवार, 22 मई 2021

अगड़ बम बम अगड़ बम बबमबम अगड़ बम लहरी.../ श्री बंसी जोगी एवं पार्टी - दूर दर्शन प्रस्तुति (१९९५)

 https://youtu.be/dW3I3826cAQ 

अगड़ बम बम अगड़ बम बबमबम अगड़ बम लहरी...
हरियाणवी भजन (शिव विवाह / काँवड़ यात्रा)
श्री बंसी जोगी एवं पार्टी  - दूर दर्शन प्रस्तुति (१९९५)

(सम्पूर्ण गायन का मात्र एक अंश) 

तेरे माथे चन्द्रमा विराज रहा है तेरी जटा से गंगा बहती है अगड़ बम-बम बम-बम... बम-बम... बबमबम बम-बम... बम-बम... बबमबम बम-बम...  और अगड़ बम-बम बबमबम बम-बम... और बम लहरी

और ..... ..... .... .... जब उत्तर देने लगी गौरा मै क्या माँगू मेरे भोलेशंकर बिच्छू की भी बिंदिया लाउंगी, साँपौ के भी हार बनाउंगी एक राम कुटी भी चहिये रहने को तुलसा की भी माला मागूँगी मैं बैठी भी भजन करूँ बन में और किसी ने माँग्या दूध पूत रे किसी ने माँग्या धन दौलत रे

मैंने बर माँग्या है सिब लहरी

मैंने तेरे नाम के बर्त किये हैं मैं तुम्हें बरुँगी भोले लहरी अगड़ बम बम अगड़ बम बबमबम अगड़ बम लहरी

रूप बदल कर शंकरनाथजी अस्सी बरस के बुड्ढे बन गये कहन लगे री गौरा माता से मेरी एक सुने मेरी पारबती मेरी गयी जवानी री आया बुढ़ापा मेरी डगमग डगमग नाड़ हले मेरी लचर-पचर थोड़ी कमर करे मेरा गोड़े से भी गोड़ा लगता मेरी गयी ए जवानी मेरा आया बुढ़ापा क्या लेगी री शिव के संग में अगड़ बम बम अगड़ बम बबमबम अगड़ बम लहरी कहण लगी वा पारबती मैं जान गयी रे पहचान गयी तू तो आपरूप अन्तर ग्यानी छन में भी बुड्ढा छन में भी बाला छन में भी कोढ़ी बन बैठे तेरे रूप अनेक भोले लहरी मेरा भगवा भी चोला रंग दे नाथजी तेरा ढंग सोई मेरा ढंग है मेरा रंग में रंग मिला लहरी अगड़ बम बम अगड़ बम बबमबम अगड़ बम लहरी कहण लगी वा पारबती के तौ शंकर मने अपनाले नही तो मेरा शाप ओट ले एसा भी शाप देऊ शंकर जी कुटी भसम हो जा तेरी  तेरा तीन लोक में पता ना पावे जीवजन्त जल जल के मरंगे घटे तपस्या शिव तेरी अगड़ बम बम अगड़ बम बबमबम अगड़ बम लहरी

हर हर बोले पारबती
हर हर रट्टा शिब लहरी
जब बृह्मा ने रची सरस्टी
पौध लगायी फुलबारी
धुरधर गाते जोड़ा उतरा
पैदा भी कर दिये नरनारी
बृह्मा आगे टन्न गणेश
सिब की पूजा करो हमेश

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